Reformed baptist church in jaipur

Hindi Blog

कैल्विनवाद, आर्मिनवाद और परमेश्वर कि तीन इच्छाएं

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ? या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए। क्योंकि उस की ओर से, और उसी …

कैल्विनवाद, आर्मिनवाद और परमेश्वर कि तीन इच्छाएं Read More »

आर्मिनवादियों की असंगत शिक्षाएं और प्रार्थनाएं

आर्मिनवादियों की असंगत शिक्षाएं और प्रार्थनाएं

धर्मशास्त्र के अध्ययन में दो वाद हैं: कैल्विनवाद और आर्मिनवाद . दोनों की शिक्षाओं के बीच का अंतर नीचे दिया गया है: कैल्विनवाद 1.सम्पूर्ण भ्रष्टता की शिक्षा: मनुष्य पूरी तरह से आत्मिक रूप से/पाप में मरा हुआ है, वह परमेश्वर को न चाहता है और नाही चाह सकता है. इस शिक्षा को और जानने के …

आर्मिनवादियों की असंगत शिक्षाएं और प्रार्थनाएं Read More »

भाग्यविधाता परमेश्वर और जिम्मेदार मनुष्य

भाग्यविधाता परमेश्वर और जिम्मेदार मनुष्य परमेश्वर कि सम्प्रभुता और मनुष्य कि जिम्मेदारी [सुसंगतता की शिक्षा (Compatibilism)] परमेश्वर संप्रभु परमेश्वर हैं. परमेश्वर की सम्प्रभुता का अर्थ होता है की इस सृष्टि में जो कुछ भी होता है वो सब उसी की योजना के अनुसार होता है. आदम ने जब वर्जित फल को खाया तो परमेश्वर को …

भाग्यविधाता परमेश्वर और जिम्मेदार मनुष्य Read More »

उद्धार में परमेश्वर की सम्प्रभुता

कौन स्वर्ग जायेगा और कौन नरक यह परमेश्वर ने निर्धारण कर रखा है: और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा। इसलिये कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण …

उद्धार में परमेश्वर की सम्प्रभुता Read More »

आपने परमेश्वर को चुना या उसने आपको?

संभवतया मनुष्य की ओर से स्वर्ग के महाराजा और उसके वचन के खिलाफ सबसे ज्यादा उद्धंडता भरा (बत्तमीज़ी भरा) कथन यही होगा की परमेश्वर ने हमे नहीं चुना; बल्कि हमने परमेश्वर को चुना. आदम की हर संतान प्रभु यीशु मसीह को अस्वीकार करने की इच्छा और सामर्थ रखती है और वो यीशु मसीह को अस्वीकार …

आपने परमेश्वर को चुना या उसने आपको? Read More »

spiritual healing

आत्मिक चंगाई – एक प्रमाण 

जितनी भी शारीरिक चंगाईयां थी वो सब वास्तविक  थी (मति 11ः5) । यीशु नें कोड़ी को शुद्ध करके कहा जाओ और अपने आप को याजक को दिखाओ (मति 8ः3-4) । जो अन्धा था वो अंधा नहीं रहा  ( लूका 18ः43)। जो गूंगा था वो गूंगा नहीं रहा  (मति 12ः22)। जो अपंग था वो अपंग ना …

आत्मिक चंगाई – एक प्रमाण  Read More »

new life and baptism

नया जीवन और बपतिस्मा

(रोमियो 6:3-4) दो प्रकार के बपतिस्मा के बारे में हम सुनते है: 1- छिड़काव का बपतिस्मा कुछ ईसाई पंथों (denominations) में नवजात शिशु या नए विश्वासी को छिड़काव का बपतिस्मा देने की प्रथा है परन्तु बाइबल में इस प्रकार का बपतिस्मा देने का कहीं कोई प्रावधान नहीं है अर्थात यह बाइबल के विपरीत है। 2- …

नया जीवन और बपतिस्मा Read More »

acceptable giving

ग्रहण योग्य दान !

जब भी कोई धनी व्यक्ति गरीबों की मदद करने के लिए किसी संस्था का निर्माण करता है तो समाज के लोग जरूर उस पर ध्यान देते है और ऐसा व्यक्ति अपने दयावान होने और जरूरतमंदो को देने की वजह से बहुत प्रशंसा पाता है। और ज्यादातर लोग ये ही दिखाना चाहते है कि वो कितने …

ग्रहण योग्य दान ! Read More »

self realisation

आत्म साक्षात्कार

आप एक अद्वितीय मनुष्य हैं। आप विशेष हैं। आपके जैसा इस दुनिया में कोई नहीं। आपके अंदर अच्छाई और महानता भरी पड़ी है। हर मनुष्य आवश्यक रूप से अच्छा होता है। आपके अंदर देवत्त्व वास करता है। आपको अपने आपको जगाना है। आप को अपने अंदर ईश्वर को खोजना है। आपको अपनी महानता को बाहर …

आत्म साक्षात्कार Read More »

lose salvation

Can your name be erased from the book of life ? क्या आपका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जा सकता है?

कुछ झूंटे या भ्रमित शिक्षक निम्नांकित आयत का इस्तेमाल करके कहते हैं की हम उद्धार खो सकते  हैं: जो विजयी होगा वह इसी प्रकार श्वेत वस्त्र धारण करेगा। मैं जीवन की पुस्तक से उसका नाम नहीं मिटाऊँगा, बल्कि मैं तो उसके नाम को अपने परम पिता और उसके स्वर्गदूतों के सम्मुख मान्यता प्रदान करूँगा। (प्रकाशितवाक्य  …

Can your name be erased from the book of life ? क्या आपका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जा सकता है? Read More »