उत्तर: अक्सर लोग मत्ती 3:11 का प्रयोग करके आग के बपतिस्मे के बारे में प्रचार करते हैं. आपने लोगों को परमेश्वर से आग का बपतिस्मा मांगते हुए भी देखा होगा. कृपया निम्नलिखित पदों को ध्यान से ज़ोर ज़ोर से 2-3 बार पड़े और सन्दर्भ के हिसाब से अर्थ निकाले:
“आयत 11 मैं तो पानी से तुम्हें मन फिराव का बपतिस्मा देता हूं, परन्तु जो मेरे बाद आनेवाला है, वह मुझ से शक्तिशाली है; मैं उस की जूती उठाने के योग्य नहीं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।
आयत 12 उसका सूप उस के हाथ में है, और वह अपना खलिहान अच्छी रीति से साफ करेगा, और अपने गेहूं को तो खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जलाएगा जो बुझने की नहीं॥”(मत्ती 3:11-12)
ग्यारहवीं आयत में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहता है की उसके बाद आने वाला अर्थात यीशु मसीह पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा. लोग यह सोंचते हे की पवित्र आत्मा का
बपतिस्मा और आग का बपतिस्मा एक ही है . लेकिन हम संदार्भ को समझने के लिए आयत 12 समझेंगे. उसमे यूहन्ना कहता हे की यीशु मसीह का सूप उसके हाथ में हे और वो अपना खलिहान अच्छे से साफ़ करेगा. गेहूं को तो वो खत्ते में इकठ्ठा करेगा और भूंसी को कभी ना बुझने वाली आग में जलाएगा. गेहूं विश्वासी का प्रतीक है और भूंसी अविश्वासियों का. इस सन्दर्भ के अनुसार विश्वासियों को तो पवित्र आत्मा का बपतिस्मा मिलेगा और अविश्वासियों को नरक का.
जी हाँ, आग का बपतिस्मा मांगना प्रभु से यह कहना है की मुझे नरक में डाल दे जहाँ की आग बुझने की नहीं. कितनी भयावह प्रार्थना है !!!! कभी भी किसी भी आयत का मतलब बिना सन्दर्भ के ना निकालें.