कैल्विनवाद, आर्मिनवाद और परमेश्वर कि तीन इच्छाएं
आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! प्रभु कि बुद्धि को किस ने जाना या उसका मंत्री कौन हुआ? या किस ने पहिले उसे कुछ दिया है जिस का बदला उसे दिया जाए। क्योंकि उस की ओर से, और उसी …
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आर्मिनवादियों की असंगत शिक्षाएं और प्रार्थनाएं
धर्मशास्त्र के अध्ययन में दो वाद हैं: कैल्विनवाद और आर्मिनवाद . दोनों की शिक्षाओं के बीच का अंतर नीचे दिया गया है: कैल्विनवाद 1.सम्पूर्ण भ्रष्टता की शिक्षा: मनुष्य पूरी तरह से आत्मिक रूप से/पाप में मरा हुआ है, वह परमेश्वर को न चाहता है और नाही चाह सकता है. इस शिक्षा को और जानने के …
भाग्यविधाता परमेश्वर और जिम्मेदार मनुष्य
भाग्यविधाता परमेश्वर और जिम्मेदार मनुष्य परमेश्वर कि सम्प्रभुता और मनुष्य कि जिम्मेदारी [सुसंगतता की शिक्षा (Compatibilism)] परमेश्वर संप्रभु परमेश्वर हैं. परमेश्वर की सम्प्रभुता का अर्थ होता है की इस सृष्टि में जो कुछ भी होता है वो सब उसी की योजना के अनुसार होता है. आदम ने जब वर्जित फल को खाया तो परमेश्वर को …
उद्धार में परमेश्वर की सम्प्रभुता
कौन स्वर्ग जायेगा और कौन नरक यह परमेश्वर ने निर्धारण कर रखा है: और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्होंने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा। इसलिये कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण …
आपने परमेश्वर को चुना या उसने आपको?
संभवतया मनुष्य की ओर से स्वर्ग के महाराजा और उसके वचन के खिलाफ सबसे ज्यादा उद्धंडता भरा (बत्तमीज़ी भरा) कथन यही होगा की परमेश्वर ने हमे नहीं चुना; बल्कि हमने परमेश्वर को चुना. आदम की हर संतान प्रभु यीशु मसीह को अस्वीकार करने की इच्छा और सामर्थ रखती है और वो यीशु मसीह को अस्वीकार …
आत्मिक चंगाई – एक प्रमाण
जितनी भी शारीरिक चंगाईयां थी वो सब वास्तविक थी (मति 11ः5) । यीशु नें कोड़ी को शुद्ध करके कहा जाओ और अपने आप को याजक को दिखाओ (मति 8ः3-4) । जो अन्धा था वो अंधा नहीं रहा ( लूका 18ः43)। जो गूंगा था वो गूंगा नहीं रहा (मति 12ः22)। जो अपंग था वो अपंग ना …
उद्धरण- 2
सताव हमेशा से ही एक पवित्र जीवन जीने वाले का भाग रहा है। – रे कम्फर्ट धन्य है परमेश्वर ! हमारी विपदाएं तो बस कुछ समय की ही है पर हमारी सुरक्षा अनंत काल की है। – चार्ल्स स्पर्जन वास्तविक मसीही एक ऐसा व्यक्ति होता है जो हर किसी से प्रशंसा नहीं पाता। …
उद्धरण – 1
कोई भी व्यक्ति कभी भी अपना दिल परमेश्वर को देने के द्वारा उद्धार नहीं पाया. हम अपने कुछ देने के द्वारा नहीं बचाये जाते है परन्तु परमेश्वर के देने के द्वारा बचाये जाते है। – ऐ. डबल्यू. पिंक एक मसीही विश्वासी सिर्फ इसी से ही नहीं जाना जाता कि वो क्या विश्वास करता है और …