आज के भक्ति सन्देश में मैं आपका ध्यान इस ओर खींचना चाहता हूँ कि महिमावान प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए क्या-क्या है।
1) प्रभु यीशु मसीह हमारा परमेश्वर है।
और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान् परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें। (तीतुस 2:13)
2) प्रभु यीशु मसीह हमारा सृष्टिकर्ता है।
क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुताएँ, क्या प्रधानताएँ, क्या अधिकार, सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं। (कुलुस्सियों 1:16)
आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। यही आदि में परमेश्वर के साथ था। सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ, और जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई। (यूहन्ना 1:1-3)
3) प्रभु यीशु मसीह हमारे पापों का प्रायश्चित है।
और वही हमारे पापों का प्रायश्चित है (1 यूहन्ना 2:2)
वह आप ही हमारे पापों को अपनी देह पर लिये हुए क्रूस पर चढ़ गया, या उस ने आप क्रूस पर हमारे पापों को अपनी देह पर उठा लिया जिससे हम पापों के लिये मरकर धार्मिकता के लिये जीवन बिताएँ : उसी के मार खाने से तुम चंगे हुए। (1 पतरस 2:24)
4) प्रभु यीशु मसीह हमारा छुटकारा/उद्धार है।
हम को उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात् अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है, जिसे उसने सारे ज्ञान और समझ सहित हम पर बहुतायत से किया। (इफिसियों 1:7)
उसी ने हमें अन्धकार के वश से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया, जिस में हमें छुटकारा अर्थात् पापों की क्षमा प्राप्त होती है। (कुलुस्सियों 1:13-14)
5) प्रभु यीशु मसीह हमारा (अनंत) जीवन है।
और वह गवाही यह है कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है, और यह जीवन उसके पुत्र में है। (1 यूहन्ना 5:11)
यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।” (यूहन्ना 14:6)
6) प्रभु यीशु मसीह हमारा वकील है।
हे मेरे बालको, मैं ये बातें तुम्हें इसलिये लिखता हूँ कि तुम पाप न करो; और यदि कोई पाप करे, तो पिता के पास हमारा एक सहायक (वकील) है, अर्थात् धर्मी यीशु मसीह; और वही हमारे पापों का प्रायश्चित है (1 यूहन्ना 2:1-2)
परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर ही है जो उनको धर्मी ठहरानेवाला है। फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह ही है जो मर गया वरन् मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर के दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है। (रोमियों 8:33-34)
7) प्रभु यीशु मसीह हमारा महायाजक है।
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है। (इब्रानियों 6:20)
इसी लिये जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उनका पूरा पूरा उद्धार कर सकता है, क्योंकि वह उनके लिये विनती करने को सर्वदा जीवित है। ((इब्रानियों 7:25)
8) प्रभु यीशु मसीह हमारी बुद्धि है।
परन्तु जो बुलाए हुए हैं, क्या यहूदी क्या यूनानी, उनके निकट मसीह परमेश्वर की सामर्थ्य और परमेश्वर का ज्ञान है। (1 कुरिन्थियों 1:24)
ताकि उनके मनों में शान्ति हो और वे प्रेम से आपस में गठे रहें, और वे पूरी समझ का सारा धन प्राप्त करें, और परमेश्वर पिता के भेद को अर्थात् मसीह को पहचान लें। जिसमें बुद्धि और ज्ञान के सारे भण्डार या धन छिपे हुए हैं। (कुलुस्सियों 2:2-3)
9) प्रभु यीशु मसीह हमारी धार्मिकता है।
उसके दिनों में यहूदी लोग बचे रहेंगे, और इस्राएली लोग निडर बसे रहेंगे। और यहोवा उसका नाम “यहोवा हमारी धार्मिकता” रखेगा। (यिर्मयाह 23:6)
जो पाप से अज्ञात था, उसी को उसने हमारे लिये पाप ठहराया कि हम उसमें होकर परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ। (2 कुरिन्थियों 5:21)
10) प्रभु यीशु मसीह हमारा पवित्रीकरण है।
परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये बुद्धि ठहरा, अर्थात् धार्मिकता, और पवित्रता/पवित्रीकरण, और छुटकारा; ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, “जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे। (1 कुरिन्थियों 1:30-31)
मसीह यीशु में पवित्र किए गए, और पवित्र होने के लिये बुलाए गए हैं ((1 कुरिन्थियों 1:2)
11) प्रभु यीशु मसीह हमारा महिमाकरण है।
परन्तु उसी की ओर से तुम मसीह यीशु में हो, जो परमेश्वर की ओर से हमारे लिये बुद्धि ठहरा, अर्थात् धार्मिकता, और पवित्रता/पवित्रीकरण, और छुटकारा (शरीरों का छुटकारा अर्थात महिमाकरण- रोमियों 8:23) ; ताकि जैसा लिखा है, वैसा ही हो, “जो घमण्ड करे वह प्रभु में घमण्ड करे। (1 कुरिन्थियों 1:30-31)
जब मसीह जो हमारा जीवन है, प्रगट होगा, तब तुम भी उसके साथ महिमा सहित प्रगट किए जाओगे। (कुलुस्सियों 3:4)
12) प्रभु यीशु मसीह हमारा पुनुरुत्थान है।
यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ; जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा, 26और जो कोई जीवित है और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। (यूहन्ना 11:25-26)
क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूँकी जाएगी; और जो मसीह में मरे हैं, वे पहले जी उठेंगे। (1 थिस्सलुनीकियों 4:16)
13) प्रभु यीशु मसीह हमारा शिक्षक है।
तुम मुझे गुरु और प्रभु कहते हो, और ठीक ही कहते हो, क्योंकि मैं वही हूँ। (यूहन्ना 13:13)
उसने रात को यीशु के पास आकर उससे कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं कि तू परमेश्वर की ओर से गुरु होकर आया है (यूहन्ना 3:2)
14) प्रभु यीशु मसीह हमारा प्रभु है।
आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है। (लूका 2:11)
दि तू अपने मुँह से यीशु को प्रभु जानकर अंगीकार करे, और अपने मन से विश्वास करे कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया, तो तू निश्चय उद्धार पाएगा। (रोमियों 10:9)
15) प्रभु यीशु मसीह हमारा भाई है।
16) प्रभु यीशु मसीह हमारा दोस्त है।
इससे बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे। जो आज्ञा मैं तुम्हें देता हूँ, यदि उसे मानो तो तुम मेरे मित्र हो। अब से मैं तुम्हें दास न कहूँगा, क्योंकि दास नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करता है; परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं। (यूहन्ना 15:13-15)
अब्राहम ने परमेश्वर का विश्वास किया, और यह उसके लिये धर्म गिना गया;और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया (याकूब 2:23)
17) प्रभु यीशु मसीह हमारी ज्योति है।
यीशु ने फिर लोगों से कहा, “जगत की ज्योति मैं हूँ; जो मेरे पीछे हो लेगा वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।” (यूहन्ना 8:12)
18) प्रभु यीशु मसीह हमारी चट्टान है।
क्योंकि वे उस आत्मिक चट्टान से पीते थे जो उनके साथ-साथ चलती थी, और वह चट्टान मसीह था। (1 कुरिन्थियों 10:4)
19) प्रभु यीशु मसीह हमारा आनंद है।
उससे तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास करके ऐसे आनन्दित और मगन होते हो जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है (1 पतरस 1:8)
मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए। (यूहन्ना 15:11)
20) प्रभु यीशु मसीह हमारा चरवाहा है।
अच्छा चरवाहा मैं हूँ; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। (यूहन्ना 10:11)
वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वह भेड़ों के बच्चों को अँकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे–धीरे ले चलेगा। (यशायाह 40:11)
21) प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए जीवन की रोटी है।
यीशु ने उनसे कहा, “जीवन की रोटी मैं हूँ : जो मेरे पास आता है वह कभी भूखा न होगा (यूहन्ना 6:35)
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी, मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा (यूहन्ना 6:51)
22) प्रभु यीशु मसीह जीवन जल का सोता है।
जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा। (यूहन्ना 4:14)
यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, “यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। (यूहन्ना 7:37)
23) प्रभु यीशु मसीह हमारी शांति है।
क्योंकि वही हमारा मेल (शांति) है (इफिसियों 2:14)
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूँ, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूँ; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता : तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे। (यूहन्ना 14:27)
क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके काँधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सर्वदा बढ़ती रहेगी, और उसकी शान्ति का अन्त न होगा (यशायाह 9:6-7)
24. प्रभु यीशु मसीह हमारी आशा है।
मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है। (कुलुस्सियों 1:27)
और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के काम, और प्रेम का परिश्रम, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा की धीरता को लगातार स्मरण करते हैं। (1 थिस्सलुनीकियों 1:3)
25) प्रभु यीशु मसीह सत्य है।
यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ (यूहन्ना 14:6)
अनुग्रह और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुँची। (यूहन्ना 1:17)
26) प्रभु यीशु मसीह हमारा नबी/भविष्यवक्ता है।
यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी भविष्यद्वक्ता था (लूका 24:19)
तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे मध्य से, अर्थात् तेरे भाइयों में से मेरे समान एक नबी को उत्पन्न करेगा; तू उसी की सुनना (व्यवस्थाविवरण 18:15)
27) प्रभु यीशु मसीह हमारा महाराजा है।
जो परमधन्य और एकमात्र अधिपति और राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है (1 तीमुथियुस 6:15)
उसके वस्त्र और जाँघ पर यह नाम लिखा है : “राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु।” (प्रकाशितवाक्य 19:16)
28) प्रभु यीशु मसीह सब कुछ है।
मसीह सब कुछ और सब में है। (कुलुस्सियों 3:11)
जो उसने मसीह में किया कि उसको मरे हुओं में से जिलाकर स्वर्गीय स्थानों में अपनी दाहिनी ओर सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ्य, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया;और सब कुछ उसके पाँवों तले कर दिया; और उसे सब वस्तुओं पर शिरोमणि ठहराकर कलीसिया को दे दिया,यह उसकी देह है, और उसी की परिपूर्णता है जो सब में सब कुछ पूर्ण करता है। (इफिसियों 1:20-23)
क्योंकि उसमें परमेश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है, और तुम उसी में भरपूर हो गए हो जो सारी प्रधानता और अधिकार का शिरोमणि है। (कुलुस्सियों 2:9-10)
निष्कर्ष:
प्रभु यीशु मसीह वो सब कुछ है जिसकी हमे ज़रूरत है और अनंत और भी है।
आर सी स्प्रौल की लिगनियर सेवकाई द्वारा यीशु मसीह पर बनाया गया विश्वास कथन ज़रूर पढ़ें:
https://hi.ligonier.org/resources/creeds-and-confessions/christology-statement/
इस सन्देश को कैसे इस्तेमाल करें ?
इस सन्देश को आप प्रार्थना करने, मनन करने, आराधना करने और दूसरों को सीखाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। एक-एक बिंदु को लीजिये और परमेश्वर को प्रभु यीशु मसीह के लिए धन्यवाद कीजिये। एक-एक बिंदु को लीजिये और उसके लिए प्रभु यीशु मसीह की स्तुति कीजिये । एक-एक बिंदु को लीजिये और प्रार्थना कीजिये की आप इन सत्यों पर अपनी ज़िन्दगी आधारित कर सकें। ये बातें अपने भाइयों- बहनों को सिखाईये या अपनी पारिवारिक आराधना में इन पर मनन कीजिए। इन बिंदुओं को और सम्बंधित आयतों को याद कीजिये।
प्रोत्साहन : प्रभु यीशु मसीह में हमारे लिए अनंत धन है। इस धन का आनंद हम रोज प्रार्थना, वचन पठन, मनन, आराधना और संगती के द्वारा ले सकते हैं। तो आइये हम हर प्रयास करें प्रभु यीशु मसीह में आनंदित होने के।
उदहारण प्रार्थना : है प्रभु यीशु मसीह मेरे मालिक, मेरे उद्धारकर्ता, मेरी जीवन की रोटी, मेरे आनंद, मेरी शांति, मेरी ज्योति, मेरे राजा, मेरे चरवाहे, मेरे भाई, मेरे दोस्त मेरी आशा- मेरे सब कुछ और अनंत और भी, मेरी मदद कर तेरे लिए जीने में। तेरे ही नाम के लिए।
शिक्षाएं (Doctrines Involved in this Devotional):
मसीह शास्त्र ( Christology)
अधिक अध्ययन करने के लिए:
https://www.ligonier.org/blog/announcing-ligonier-statement-christology/
https://www.youtube.com/watch?v=aN4WRVPOHZY
https://www.ligonier.org/blog/special-panel-discussion-christology/
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