त्रिएकता को समझना:
त्रिएकता शब्द में एक और त्रि (तीन) दोनों शब्द आतें हैं। त्रिएक का अर्थ होगा: एक लेकिन फिर भी तीन या तीन लेकिन फिर भी एक। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि एक में तीन है या तीन में एक। लेकिन क्या ये तार्किक रूप से परस्पर विरोधी (logically contradictory) बात नहीं है ? नहीं। बिल्कुल भी नहीं। जब हम बोलते हैं की परमेश्वर त्रिएक है तो हमारा मतलब है :
- परमेश्वर अस्तित्व (essence or being) में एक है।
- परमेश्वर तीन व्यक्ति (persons) है।
अगर हम ये बोलें: परमेश्वर अस्तित्व में एक है और परमेश्वर अस्तित्व में तीन है, तो वह अतार्किक और परस्पर विरोधी (contradictory) बात होगी।
अगर हम ये बोलें : परमेश्वर एक व्यक्ति है और परमेश्वर तीन व्यक्ति है, तो वह अतार्किक और परस्पर विरोधी (contradictory) बात होगी।
यह कहना कि परमेश्वर अस्तित्त्व में एक है और तीन व्यक्ति है- अतार्किक और परस्पर विरोधी बात नहीं है। यह रहस्यमय (mysterious) बात है और हमारे पूरी तरह से समझ नहीं आ सकती, क्योंकि परमेश्वर अनंत (infinite) है और हम सीमित। लेकिन हम इसे कुछ हद तक समझ सकते हैं और मसीही जीवन में बढ़ने के साथ इसके ज्ञान में बढ़ सकते हैं। आइये मैं प्रयास करता हूँ आपकी थोड़ी और मदद करने की।
त्रिएकता के विषय में दो गलत शिक्षाएं और उनका खंडन :
1) तीन ईश्वर हैं: पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा।
बाइबल के अनुसार एक ही परमेश्वर है। बाइबल की आयतें देखें :
“हे इस्राएल, सुन, यहोवा हमारा परमेश्वर है, यहोवा एक ही है। ” (व्यवस्थाविवरण 6:4)
यह सब तुझ को दिखाया गया, इसलिये कि तू जान रखे कि यहोवा ही परमेश्वर है; उसको छोड़ और कोई है ही नहीं। ((व्यवस्थाविवरण 4:35)
क्योंकि परमेश्वर एक ही है। (1 तिमुथियस 2:5)
तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है; तू अच्छा करता है। (याकूब 2:19)
2) परमेश्वर एक ही व्यक्ति है, जो पुराने नियम में पिता, नए नियम में पुत्र और पेन्तीकुस्त के दिन से पवित्र आत्मा के रूप में हमारे साथ है।
हमने ऊपर दी गई आयतों में देख लिया है कि मसीही विश्वास एकेश्वरवादी (monotheistic) है, बहुदेववादी (polytheistic) नहीं। अर्थात मसीही विश्वास यह है कि एक ही परमेश्वर है, बहुत सारे नहीं। परमेश्वर एक है, लेकिन वह एक परमेश्वर तीन भिन्न व्यक्ति है। यह कहना कि परमेश्वर एक ही व्यक्ति है, जो पुराने नियम में पिता, नए नियम में पुत्र और पेन्तीकुस्त के दिन से पवित्र आत्मा के रूप में है -गलत है। बाइबल की आयतें देखें :
प्रभु यहोवा (पिता परमेश्वर) का आत्मा (पवित्र आत्मा) मुझ (मुझ प्रभु यीशु मसीह) पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूँ; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूँ। (यशायाह 61:1)
इस आयत में हम एक मात्र परमेश्वरत्व (Godhead) के तीनों भिन्न व्यक्तियों (पिता, पुत्र, पवित्र आत्मा) के दर्शन पाते हैं।
यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिए आकाश खुल गया, और उसने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते और अपने ऊपर आते देखा। और देखो, यह आकाशवाणी हुई : “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूँ।” (मत्ती 3:16-19)
यहाँ हमने देखा की तीन भिन्न व्यक्ति हैं। प्रभु यीशु मसीह नीचे पानी में खड़े हैं, पवित्र आत्मा कबूतर के सामान उतरा, और फिर परमेश्वर पिता ने कहा की वह अपने पुत्र अर्थात प्रभु यीशु मसीह से अति प्रसन्न है।
मैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। अर्थात् सत्य का आत्मा। (यूहन्ना १४:१६–१७)
यहाँ भी हम तीन भिन्न व्यक्ति देखतें हैं : प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर पिता से पवित्र आत्मा भेजने के लिए विनती करेंगे।
परमेश्वर के बारे में सही कथन :
- परमेश्वर एक है।
- परमेश्वर तीन नहीं है।
- परमेश्वर तीन व्यक्ति है।
- पिता परमेश्वर है।
- पुत्र अर्थात प्रभु यीशु मसीह परमेश्वर है। [प्रभु यीशु मसीह पृथ्वी पर अवतार लेने के वक्त पुत्र नहीं बने, बल्कि परमेश्वर के अनादि (जिसकी कोई शुरुवात नहीं) पुत्र हैं।]
- पवित्र आत्मा परमेश्वर है।
- पिता पिता ही है; वह पुत्र और पवित्र आत्मा नहीं है।
- पुत्र पुत्र ही है; वह पिता और पवित्र आत्मा नहीं है।
- पवित्र आत्मा पवित्र आत्मा ही है, वह पिता और पुत्र नहीं है।
- पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा अनादि काल से अनंत काल तक एक मात्र परमेश्वर है। या यूं कहें कि एक मात्र परमेश्वर अनादि काल से अनंत काल तक तीन व्यक्तियों में विध्यमान है। तीनों व्यक्तियों में परमेश्वरत्व है। तीनों व्यक्ति सर्व शक्तिमान, सर्व ग्यानी और सर्व व्याप्त हैं।
त्रिएकता के गलत और परमेश्वर–निन्दापूर्ण (blasphemous) उदाहरण :
- कुछ लोग त्रिएकता की तुलना सेब से करते हैं। वो कहते हैं की पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा एक सेब के छिल्के, गूदा और बीज के समान है, परन्तु यह गलत तुलना है। क्योंकि छिल्का, गूदा और बीज सेब के भाग होते हैं सेब नहीं , परन्तु पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा परमेश्वर के तीन भाग नहीं है, बल्कि तीनो ही व्यक्ति परमेश्वर है।
- अंडे से की गई तुलना भी इसी तरह निरर्थक है। छिल्का, सफ़ेद भाग और ज़रदी ( पीला भाग) अंडे के भाग होते है। परन्तु पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा परमेश्वर के तीन भाग नहीं है, बल्कि तीनो ही व्यक्ति परमेश्वर है।
- पानी का उदाहरण भी नाकाफ़ी और व्यर्थ है। द्रव्य (पानी), बर्फ और भाप पानी के तीन रूप हैं, परन्तु पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा परमेश्वर के तीन रूप नहीं है, बल्कि तीनो ही व्यक्ति परमेश्वर है।
उद्धार त्रिएक परमेश्वर के द्वारा :
आपका उद्धार त्रिएक परमेश्वर ने किया है। इन आयतों को ध्यान से पढ़िए :
3हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आत्मिक आशीष दी है। 4जैसा उसने हमें जगत की उत्पत्ति से पहले उसमें चुन लिया कि हम उसके निकट प्रेम में पवित्र और निर्दोष हों। 5और अपनी इच्छा के भले अभिप्राय के अनुसार हमें अपने लिये पहले से ठहराया कि यीशु मसीह के द्वारा हम उसके लेपालक पुत्र हों, 6कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उसने हमें उस प्रिय में सेंतमेंत दिया। 7हम को उसमें उसके लहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात् अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है। (इफिसियों 1)
तो उसने हमारा उद्धार किया; और यह धर्म के कामों के कारण नहीं, जो हम ने आप किए, पर अपनी दया के अनुसार नए जन्म के स्नान और पवित्र आत्मा के हमें नया बनाने के द्वारा हुआ। (तीतुस 3:5)
हम इफिसियों 1:3-6 में देखते हैं की पिता परमेश्वर ने हमे उद्धार के लिए चुना और इफिसियों 1:7 में देखते हैं की प्रभु यीशु ने क्रूस पर अपना अमूल्य लहू बहा कर हमारे उद्धार का काम पूरा किया। तीतुस 3:5 के अनुसार यीशु मसीह के द्वारा किये गए उद्धार का काम हम पर पवित्र आत्मा नए जन्म के द्वारा लागू (apply) करता है।
त्रिएकता का इंकार उद्धार का इंकार :
यदि कोई भी व्यक्ति त्रिएकता का इंकार करता है तो वह बाइबल के परमेश्वर का इंकार करता है और जो बाइबल के परमेश्वर का इंकार करता है वह उद्धार नहीं पा सकता। विश्वास करने वाले को बपतिस्मा पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से ही दिया जाता (मत्ती 28:19)। इसका अर्थ है की जो व्यक्ति त्रिएक परमेश्वर को मानता है वही उद्धार पाया है और वही बपतिस्मा लेकर मसीही कहला सकता है।
प्रोत्साहन : कितना अद्भुत है हमारा त्रिएक परमेश्वर ! इस भक्ति सन्देश के साथ आपका त्रिएकता पर अध्ययन ख़त्म नहीं हुआ बल्कि शुरू हुआ है। आप इस त्रिएक परमेश्वर को और खोजें , उस पर और मनन करें और उसमे और आनंदित रहें।
प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह और परमेश्वर का प्रेम और पवित्र आत्मा की सहभागिता हम सब के साथ होती रहे।
उदाहरण प्रार्थना : है पिता परमेश्वर आपका धन्यवाद मुझ नीच पापी को अपने बेटे के लहू के द्वारा छुटकारे के लिए चुनने के लिए। है प्रभु यीशु मसीह आपका धन्यवाद की आपने मेरे लिए अपना पवित्र लहू बहाया। है परमेश्वर पवित्र आत्मा आपका धन्यवाद की आपने मुझे नया जीवन दिया और प्रभु यीशु मसीह को मुझ पर प्रकट किया। मैं त्रिएकता के बारे में जान कर अभिभूत और आभारी हूँ। मुझ पर दया कीजिये। मुझे आपकी महिमा के लिए जीने के लिए अनुगृह दीजिये।
शिक्षाएं (Doctrines Involved in this Devotional): परमेश्वरत्व की शिक्षा , त्रिएकता की शिक्षा (Doctrine of Godhead; Doctrine of Trinity)
अधिक अध्ययन करने के लिए:
- 6 Messages by Dr R C Sproul on Trinity: https://www.youtube.com/playlist?list=PL30acyfm60fUn9Yl_IUO9PLddhIjCtMgv
- John MacArthur short talks on Trinity:
https://www.gty.org/library/articles/A215/our-triune-god
https://www.gty.org/library/questions/QA519/can-you-be-a-christian-and-deny-the-trinity
- Scriptural Proof for Trinity:
?