1991
आप जितने अधिक मसीह के समान होंगे, संसार उतना ही अधिक आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेगा जैसा उसने मसीह के साथ किया था। शायद आपको अधिक सताव इसलिए नहीं मिलता है क्योंकि जैसी समानता होनी चाहिए वैसी नहीं है।
Reformed baptist church in jaipur
आप जितने अधिक मसीह के समान होंगे, संसार उतना ही अधिक आपके साथ वैसा ही व्यवहार करेगा जैसा उसने मसीह के साथ किया था। शायद आपको अधिक सताव इसलिए नहीं मिलता है क्योंकि जैसी समानता होनी चाहिए वैसी नहीं है।
हमारे उद्धारकर्ता ने हमें हर प्राणी को सुसमाचार सुनाने के लिए कहा है; उसने यह नहीं कहा, “केवल चुने हुओं को ही प्रचार करो;” और यद्यपि यह हमारे लिए सबसे तार्किक बात प्रतीत हो सकती है, फिर भी, चूंकि उसने चुने हुए लोगों के माथे पर कोई मुहर या उन पर कोई विशिष्
मनुष्य की स्वतन्त्र इच्छा उसे दाँत के दर्द, या उँगलियों के छाले से भी ठीक नहीं कर पाती है; और फिर भी वह पागलों की तरह यह सोचता है कि उसकी आत्मा को ठीक करने की शक्ति उसकी स्वतंत्र इच्छा में है।
यदि मैं यह विश्वास करता हूं कि दुनिया नर्क में जा रही है, लेकिन फिर भी मौखिक रूप से उन्हें चेतावनी ना दूं तो मैं एक कायर और पाखंडी दोनों हूं। {मती 3:2, 4:17, 28:19-20, मर 1:4,14-15, 16:15-16, लुका 3:3, 5:32,13:3,5, 24:47, युह 3:16-18, 36, प्रेरी 3:19, 5:31, 10:17, 17:30, 26:20, रोमी 1:16, 10:13-15, इफि …
पश्चाताप करना अपने पाप के लिए खेद महसूस करने से कहीं अधिक है। यहूदा भी मसीह का विश्वासघात करके खेदित था लेकिन वह नरक में ही गया। {भज 32:5, 51:1-17, नीति 28:13, योएल 2:12-13, मती 3:8, 15:8, 26:14- 16, 24, 27:3-10, लुका 13:3, 17:3-4, प्रेरी 3:19, 2 कुरू 7:9-10, तीतू 1:16, 1 युह 1:8-10}