पश्चाताप करना अपने पाप के लिए खेद महसूस करने से कहीं अधिक है। यहूदा भी मसीह का विश्वासघात करके खेदित था लेकिन वह नरक में ही गया।
{भज 32:5, 51:1-17, नीति 28:13, योएल 2:12-13, मती 3:8, 15:8, 26:14- 16, 24, 27:3-10, लुका 13:3, 17:3-4, प्रेरी 3:19, 2 कुरू 7:9-10, तीतू 1:16, 1 युह 1:8-10}