Reformed baptist church in jaipur

1672

पश्चाताप करना अपने पाप के लिए खेद महसूस करने से कहीं अधिक है। यहूदा भी मसीह का विश्वासघात करके खेदित था लेकिन वह नरक में ही गया।
{भज 32:5, 51:1-17, नीति 28:13, योएल 2:12-13, मती 3:8, 15:8, 26:14- 16, 24, 27:3-10, लुका 13:3, 17:3-4, प्रेरी 3:19, 2 कुरू 7:9-10, तीतू 1:16, 1 युह 1:8-10}