याकूब की पत्री ( पहले अध्याय पर आधारित प्रशन्नावली) याकूब की पत्री की परीक्षा Name Email 1- याकूब की पुस्तक नए नियम की कौनसे नंबर की पुस्तक है? 18 19 20 21 2- अगर किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्वर से मांगे जो सबको उलाहना से देता है उपरोक्त कथन - असत्य है। सत्य है। 3- याकूब 1:26 के अनुसार किस व्यक्ति की भक्ति व्यर्थ है? जो अपने आप को भक्त समझे पर है नहीं जो अपनी जीभ पर लगाम न दे जो अपने हृदय को धोखा दे उपरोक्त तीनों विकल्प सही है। 4- परीक्षाओं में पड़ना आनन्द की बात कैसे हो सकती है?इसके द्वारा - शैतान की योजनाओं का पता चलता है। हमारा ज्ञान बढ़ता है। हम पाप के बारे में जान पाते हैं। हम परमेश्वर में सिद्ध हो जाते हैं। 5- जो वचन को केवल सुनता है और करता नहीं वो अपने आप को नम्र नहीं करता है। ऊंचा दिखता है। धोखा देता है। जाँच नहीं पाता है। 6- जब किसी को पाप का प्रलोभन मिले, तो वह यह न कहे कि मुझे प्रलोभन ....... की ओर से मिलता है। शैतान स्वर्गदूट परमेश्वर पाप 7- "हर एक मनुष्य ..... के लिये तत्पर और....... में धीर और ..... में धीमा हो। "कौनसा विकल्प उपरोक्त आयत से संबंध नहीं रखता? धीरज बोलने सुनने क्रोध करने 8- परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा से खिंचकर और फँसकर ........ में पड़ता है। फिर अभिलाषा गर्भवती होकर........ को जनती है और........ जब बढ़ जाता है तो........ को उत्पन्न करता है।कौनसा विकल्प उपरोक्त आयत से संबंध नहीं रखता? पाप परीक्षा मृत्यु प्रलोभन 9- पर जो व्यक्ति स्वतंत्रता की सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में इसलिए आशीष पाएगा कि सुनकर भूलता नहीं, पर लगातार अध्ययन करता है। सुसमाचार सुनता है। प्रार्थना में रखता है। वैसा ही काम करता है। 10- ...... भाई अपने ऊंचे पद पर घमण्ड करे, और ..... अपने नीचे पद पर; क्योंकि वह घास के फूल की तरह जाता रहेगा। नम्र, घमंडी धनवान, दीन दीन, धनवान घमंडी, नम्र
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