Reformed baptist church in jaipur

जीवित आशा

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्‍वर और पिता का धन्यवाद हो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया (1 पतरस 1:3) 

हम पाप के कारण गिरे हुए और शापित संसार में रहते हैं। ये संसार अँधियारा है।  यहाँ बुराई ही बुराई है।  प्राकृतिक आपदाओं, बिमारियों  और महामारियों, युद्ध, अपराध, अलगाव और मृत्यु के कारण   सारी सृष्टि कराह  रही है। परमेश्वर के द्वारा शापित इस संसार के लिए क्या आशा है? परमेश्वर का धन्यवाद हो! एक मात्र आशा स्वयं परमेश्वर ने मसीह में प्रदान की है। मसीह ने परमेश्वर का सिद्ध रूप से आज्ञापालन किया और हमारे पापों को लेकर क्रूस पर चढ़ गया और मर गया। लेकिन परमेश्वर का धन्यवाद हो, उसकी मृत्यु पर यह कहानी ख़तम नहीं होती। मसीह हमारे धर्मिकरण के लिए तीसरे दिन कब्र में से जी उठा। मसीह अब स्वर्ग में है और वह अपने लोगों को लेने के लिए वापस आ रहा है। जब वह आएगा तो हम पाप के इस शरीर से मुक्त हो जाएंगे और हमारे सब आंसू पोंछ दिए जाएंगे।   वहां कोई बीमारी, कष्ट और मृत्यु कभी न होगी।  मसीह में पाए जाने वाले हमारे प्रिय जन फिर से जी उठेंगे और हम उन से फिर कभी अलग नहीं होंगे।  और सबसे महत्त्वपूर्ण और आनंददायक बात यह होगी कि हम अपने प्रभु और उद्धारकर्ता को देखेंगे और उसके साथ अनंत काल बिताएंगे।  ये सब इस लिए क्योंकि मसीह हमारे लिए सिद्ध जीवन जिया, मरा, गाड़ा गया और जी उठा।  चूँकि वह जीवित है, हम भी सदा जीवित रहेंगे। हमारी आशा जीवित आशा है, जैसा कि इस गीत में भी गाया गया है: 

हालेलूया, उसकी स्तुति करो जिसने मुझे आज़ाद किया 

हालेलूया, मृत्यु ने मुझ पर से अपनी पकड़ खो दी 

तूने हर बेड़ी तोड़ दी है

तेरे नाम में ही उद्धार है

यीशु मसीह, मेरी जीवित आशा

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