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पवित्र आत्मा से कैसे भरें? साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश (सप्ताह -11)

इससे पहले कि हम पवित्र आत्मा से भरने के बारे में जाने हमें यह जानना जरुरी है :

पवित्र आत्मा पाना और पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पाना अलग चीज़ है जो कि हमेशा के लिए एक ही बार उद्धार के समय होता है* और पवित्र आत्मा से भरना हर दिन-हर पल कि वास्तविकता है। इफिसियों 5:18 में हमे आज्ञा दी गई है कि हम लगातार पवित्र आत्मा से भरते- भरते-भरते जाएं। अब प्रश्न उठता है पवित्र आत्मा से भरना क्या होता है और कैसे भरें। झूठें शिक्षक सिखाते हैं कि पवित्र आत्मा से भरने का अर्थ चिल्लाना, अन्य भाषा बोलना, उछलना, गिरना, लौटना, नाचना आदि होता है। क्या यह सही है ? नहीं, कदापि नहीं।

पवित्र आत्मा से भरना क्या होता है और कैसे भरते हैं ये जानने के लिए हम इफिसियों 5:18 के आगे इफिसियों 5:19 से इफिसियों 6:9 तक देखेंगे और पाएंगे कि पवित्र आत्मा से भरने के निम्नलिखित परिणाम होते हैं :

  • हम आत्मिक गीत गाने लग जाते हैं। (इफिसियों 5:19)
  • हम परमेश्वर का धन्यवाद देने लग जाते हैं। (इफिसियों 5:20)
  • पत्नियां पतियों के अधीन हो जाती हैं। (इफिसियों 5:22)
  • पति पत्नियों से प्रेम करने लग जाते हैं। (इफिसियों 5:25)
  • बच्चे आज्ञाकारी हो जाते हैं। (इफिसियों 6:1)
  • माता-पिता सही पेरेंटिंग करने लग जाते हैं। (इफिसियों 6:4)
  • नौकर मालिक के अधीन होकर ईमानदारी से काम करने लग जाते हैं। (इफिसियों 6:5)
  • मालिक नौकर के साथ सही व्यहवार करने लग जाते हैं। (इफिसियों 6:9)

अब हम देखेंगे कि कुलुस्सियों 3:16 हमे आज्ञा देता है कि हम मसीह के वचन को अपने हृदय में अधिकाई से बसने दें। अर्थात हम वचन से भर जाएँ। अब हम कुलुस्सियों 3:17 से लेकर कुलुस्सियों 4:1 तक में देखेंगे कि वचन से भरने के बिल्कुल वही परिणाम होते हैं जो कि आत्मा से भरने के होते है:

  • हम आत्मिक गीत गाने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:16)
  • हम परमेश्वर का धन्यवाद देने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:17)
  • पत्नियां पतियों के अधीन हो जाती हैं। (कुलुस्सियों 3:18)
  • पति पत्नियों से प्रेम करने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:19)
  • बच्चे आज्ञाकारी हो जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:20)
  • माता-पिता सही पेरेंटिंग करने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:21)
  • नौकर मालिक के अधीन होकर ईमानदारी से काम करने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 3:22)
  • मालिक नौकर के साथ सही व्यहवार करने लग जाते हैं। (कुलुस्सियों 4:1)

हमने देखा कि पवित्र आत्मा से भरने और वचन से भरने के एक जैसे ही परिणाम हैं, अर्थात पवित्र आत्मा से भरना वचन से भरना है। हम जितना ज्यादा वचन को पढ़ेंगे, उस पर मनन करेंगे, उसका अध्ययन करेंगे, उसको लेके प्रार्थना करेंगे, हम उतना ज्यादा पवित्र आत्मा से भरते जाएंगे। दाऊद इस बात को जानता था इसलिए उसने कहा:

मैं ने तेरे वचन को अपने हृदय में
रख छोड़ा है,
कि तेरे विरुद्ध पाप न करूँ। (भजन 119:11)

दूसरे शब्दों में दाऊद कह रहा है कि मैं पवित्र आत्मा से भर गया, ताकि मैं तेरे खिलाफ पाप ना करूँ। क्या आपको अब भी संदेह है कि पवित्र आत्मा से भरना वचन से ही भरना होता है? यदि है तो ये देखिये यीशु मसीह क्या कह रहें हैं:

जो बातें (शब्द, वचन) मैं ने तुम से कही हैं वे आत्मा हैं, और जीवन भी हैं। (यूहन्ना 6:63)

यीशु मसीह ने जो शब्द बोले वो आत्मा हैं । क्या आपको अब भी संदेह है? यदि हाँ तो आप झूठे शिक्षक या दुष्टात्माओं द्वारा बहकाये हुए व्यक्ति हैं, जिनके लिए अपने शारीरिक अनुभव परमेश्वर के महान, पवित्र और अटल वचन से ऊपर है।

* पवित्र आत्मा पाने और पवित्र आत्मा के बपतिस्मे के बारे में और जानने के लिए पढ़िए: 

http://logosinhindi.com/क्या-आपने-पवित्र-आत्मा-पा/

 

प्रोत्साहन: आइये हम बाइबल से प्यार करना सीखें – इसे दिन रात पढ़ें, इस पर मनन करें, इसके पीछे पद जाएँ क्योंकि हमारा जीवन यही है।

उदाहरण प्रार्थना: है पिता, आपके वचन कि सच्चाई के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं। हम पर दया कीजिये ताकि हम झूठे शिक्षकों से बच कर रह सकें और आपके वचन की शिक्षाओं में बने रह सकें। आपके वचन को और पढने, अध्ययन करने और उस पर मनन करने में हमारी मदद कीजिये।

शिक्षाएं (Doctrines Involved in this Devotional): पवित्र आत्मा के विषय में शिक्षा (Pneumatology: Doctrine of the Holy Spirit)

अधिक अध्ययन करने के लिए: 

 

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