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क्या हम यीशु मसीह से ज्यादा बड़े चमत्कार करेंगे ? साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश (सप्ताह -8)

 

“मैं तुम से सच सच कहता हूँ कि जो मुझ पर विश्‍वास रखता है, ये काम जो मैं करता हूँ वह भी करेगा, वरन् इनसे भी बड़े काम करेगा, क्योंकि मैं पिता के पास जाता हूँ। (यूहन्ना 14:12)

कुछ शिक्षक इस आयत को लेकर बड़े-बड़े चमत्कारों की बात करते हैं। क्या वास्तव में यह आयत यह कह रही है कि हम यीशु मसीह से भी ज्यादा बड़े चमत्कार कर सकते हैं ? आइये थोड़ी सी सामान्य बुद्धि (कॉमन सेंस) का इस्तेमाल करें:

यीशु मसीह ने सबसे बड़ा चमत्कार क्या किया था, जो और मनुष्यों को भी करने को मिला था ? मुर्दों को जिलाना। यीशु मसीह के बाद कुछ प्रेरितों ने भी मुर्दों को जिलाया था (प्रेरितों 20:10-12; 9:40)। क्या पिछले दो हज़ार सालों में आज तक किसी ने यीशु मसीह से बड़े चमत्कार किये हैं ? नहीं। तो क्या यीशु मसीह ने झूठ बोला था ? नहीं , झूठ वो भेड़िये या मुर्ख या हमारे भ्रमित भाई बोल रहें हैं जो ये कह रहें हैं कि इस आयत का मतलब यह है कि हम यीशु मसीह से ज्यादा बड़े-बड़े चमत्कार कर सकते हैं। जब यीशु मसीह ने कहा कि हम उससे बड़े काम करेंगे तो वो चमत्कारों की बात नहीं कर रहा था। वो कार्य क्षेत्र की बात कर रहा था। वो कह रहा था कि वह सिर्फ इज़राइल में हीं प्रचार करने आया था, लेकिन हम जगत के छोर तक जाकर प्रचार करेंगे।

उसने उत्तर दिया, “इस्राएल के घराने की खोई हुई भेड़ों को छोड़ मैं किसी के पास नहीं भेजा गया। (मत्ती 15:24)

परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।” (प्रेरितों 1:8)

उसने शारीरिक रूप से उपस्थित होकर सिर्फ एक देश के लोगों के बीच में ही प्रचार किया और थोड़ी सी आत्माएं ही परमेश्वर के राज्य में आई, परन्तु हम पवित्र आत्मा की सामर्थ में जगत के छोर-छोर तक वचन का प्रचार करेंगे और अनगिनत आत्माएं हमारी गवाही के द्वारा बचेंगी। यीशु मसीह के थोड़े से ही चेले थे, लेकिन पवित्र आत्मा के आने के तुरंत बाद पतरस ने पहले ही प्रचार में तीन हज़ार आत्माएं जीती और पहली शताब्दी में ही प्रेरितों और चेलों के विषय में यह गवाही दी गई :

“ये लोग जिन्होंने जगत को उलट पुलट कर दिया है, यहाँ भी आ गए हैं। (प्रेरितों 17:6)

तो आपको ये समझ आ गया होगा की यीशु मसीह चमत्कारों की बात नहीं कर रहा था, बल्कि शारीरिक कार्य क्षेत्र की बात कर रहा था। परन्तु ध्यान रहे दुनिया के छोर तक प्रचार और आत्माओं को जीतने का काम हम अपनी सामर्थ से नहीं कर रहे, बल्कि स्वयं यीशु मसीह की सामर्थ से कर रहें हैं, क्योंकि हम उसके बिना कुछ नहीं कर सकते :

मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो। जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। (यूहन्ना 15:5)

प्रोत्साहन:

यीशु मसीह से बड़े चमत्कार करने की बात वो झूठे शिक्षक करते हैं जो कोरोना काल में अपने घरों में दुबके रहे, जिनकी दुकाने (झूठे चर्च) पूरे कोरोना काल में बंद रही। ऐसे दुष्टों से सावधान। आपके अंदर पवित्र आत्मा काम कर रहा है इसका सबूत चिन्ह-चमत्कार नहीं, परन्तु पवित्र आत्मा के फल हैं। आज के समय में शैतान और झूठे शिक्षक आँखों को धोखा देने वाले झूठे चिन्ह दिखाएंगे, लेकिन जो वचन को समझता है वो उन्हें पहचान लेगा कि वो झूठे हैं :

“झूठे भविष्यद्वक्‍ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेस में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में वे फाड़नेवाले भेड़िए हैं। उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। क्या लोग झाड़ियों से अंगूर, या ऊँटकटारों से अंजीर तोड़ते हैं? इसी प्रकार हर एक अच्छा पेड़ अच्छा फल लाता है और निकम्मा पेड़ बुरा फल लाता है। अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं ला सकता, और न निकम्मा पेड़ अच्छा फल ला सकता है। जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में डाला जाता है। इस प्रकार उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।
“जो मुझ से, ‘हे प्रभु! हे प्रभु!’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्‍टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्‍चर्यकर्म नहीं किए?’ तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, ‘मैं ने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ।’ (मत्ती 7:15-23)

तो आओ हम वचन अध्ययन, वचन-मनन, प्रार्थना और संगति के द्वारा पवित्र आत्मा के फलों में बढ़ने का भरसक प्रयास करें।

उदहारण प्रार्थना :

है पिता, आपके वचन कि सच्चाई के लिए हम आपका धन्यवाद करते हैं। हम पर दया कीजिये ताकि हम झूठे शिक्षकों से बच कर रह सकें और आपके वचन की शिक्षाओं में बने रह सकें। आपके वचन को और पढने, अध्ययन करने और उस पर मनन करने में हमारी मदद कीजिये।

शिक्षाएं (Doctrines Involved in this Devotional):

चिन्ह-चमत्कारों के विषय में शिक्षा (Doctrine of Charismata)

अधिक अध्ययन करने के लिए: 

https://www.gty.org/library/bibleqnas-library/QA0108/greater-works-than-jesus

https://www.gty.org/library/blog/B150918

https://www.gty.org/library/blog/B150918

 

 

 

 

 

 

 

 

5 thoughts on “क्या हम यीशु मसीह से ज्यादा बड़े चमत्कार करेंगे ? साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश (सप्ताह -8)”

  1. धन्यवाद गॉड ब्लेस यू धन्यवाद सच्चाई से वचन बताने के लिए गंगा

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