Reformed baptist church in jaipur

Author name: logosinhindi

मनुष्य का मुख्य उद्देश्य क्या है? (चार्ल्स स्पर्जन प्रश्नोत्तरी-1)

1. मनुष्य का मुख्य उद्देश्य क्या है? उत्तर: मनुष्य का मुख्य उद्देश्य सदा के लिए परमेश्वर की महिमा करना और उसमे आनंदित रहना है। (1 कुरिन्थियों 10:31; भजन 73:25-26) साक्षी आयतें: इसलिये तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महिमा के लिये करो। (1 कुरिन्थियों 10:31) स्वर्ग में मेरा …

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A. W. Pink

परमेश्वर की एकान्तता (Solitariness of God)

लेखक: ए. डब्ल्यू. पिंक (“परमेश्वर के गुण” नामक पुस्तक से)  अनुवादक: पंकज (1) शायद अध्याय का शीर्षक इसके विषय को  इंगित करने के लिए पर्याप्त रूप से स्पष्ट नहीं है। इसका कुछ कारण तो यह है कि बहुत कम लोगों में परमेश्वर के वैयक्तिक सिद्ध गुणों पर ध्यान करने की आदत है।  तुलनात्मक रूप से …

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क्या परमेश्वर पछताता है और अपनी इच्छा बदलता है?

क्या परमेश्वर पछताता है और अपनी इच्छा बदलता है? पहली बात तो ये प्रश्न पूछना ही गलत, अतार्किक है, मूर्खतापूर्ण है। ये प्रश्न पूछना ऐसा है जैसे कोई पूछे कि उजाला अँधेरा होता है क्या ? यदि कोई कहे कि परमेश्वर पछताता है या अपनी इच्छा बदल देता है, तो मुझे जोर से गुस्सा आता …

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मसीह हमारा नबी

  मसीह हमारे लिए वो सब कुछ है जिसकी हमको जरुरत है और अनंत और भी। मेरे दुसरे लेख https://logosinhindi.com/प्रभु-यीशु-मसीह-हमारा-सब-क/ में आप 28 वो चीज़ें पढ़ सकते हैं जो मसीह हमारे लिए हैं। इस लेख में मैं उनमे से सिर्फ एक के बारे में थोड़ा विस्तार से बताना चाहता हूँ। मसीह हमारा नबी: आइये चार्ल्स स्पर्जन …

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विजयी आत्मिक जीवन (साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश- 20) (Weekly Doctrinal Devotional-20)

मसीही जवान सालों-साल एक ही प्रश्न अलग अलग शब्दों में पूछते रहते हैं: मैं आत्मिक रूप से कैसे बढूं? मैं पाप पर विजय कैसे प्राप्त करूँ? मैं प्रभु को प्रसन्न करने वाला जीवन कैसे जीऊं? मैं काम-वासना/पोर्नोग्राफी/हस्थमैथुन पर विजय कैसे पाऊं? मैं आत्मनियंत्रण कैसे करूँ ? मैं पवित्र कैसे बनु?   वो इन प्रश्नों के …

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प्रभु यीशु मसीह हमारा सब कुछ और अनंत और भी साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश- 19 (Weekly Doctrinal Devotional-19)

आज के भक्ति सन्देश में मैं आपका ध्यान इस ओर खींचना चाहता हूँ कि महिमावान प्रभु यीशु मसीह हमारे लिए क्या-क्या है। 1) प्रभु यीशु मसीह हमारा परमेश्वर है। और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान् परमेश्‍वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की बाट जोहते रहें। (तीतुस 2:13) परन्तु पुत्र …

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विश्वास के द्वारा धर्मी ठहराना (Justification by Faith) साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश- 18 (Weekly Doctrinal Devotional-18)

इसलिये हम क्या कहें हमारे शारीरिक पिता अब्राहम को क्या प्राप्‍त हुआ? क्योंकि यदि अब्राहम कामों से धर्मी ठहराया जाता, तो उसे घमण्ड करने की जगह होती, परन्तु परमेश्‍वर के निकट नहीं। पवित्रशास्त्र क्या कहता है? यह कि “अब्राहम ने परमेश्‍वर पर विश्‍वास किया, और यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया ।” काम करनेवाले की …

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या तो सुबह जल्दी, या कभी नहीं (साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश- 17) (Weekly Doctrinal Devotional-17)

हम विश्वासी सुबह जल्दी उठकर प्रार्थना, बाइबल पठन और मनन के द्वारा परमेश्वर को नहीं खोजने के कई बहाने बना सकते हैं; जैसे मैं नाईट पर्सन हूँ। मैं रात में सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव होता हूँ। सुबह इतने काम होते हैं, संभव ही नहीं होता। हमे विधिवादी (legalist) नहीं होना चाहिए। मैं मॉर्निंग पर्सन नहीं हूँ। …

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यूहन्ना 3:16 का दुष्प्रयोग (Abuse of John 3:16) साप्ताहिक शैक्षणिक भक्ति सन्देश- 16 (Weekly Doctrinal Devotional-16)

क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे वह नष्‍ट न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (यूहन्ना 3:16) यूहन्ना 3:16 मसीही जगत में सबसे ज्यादा दुरुपयोग और दुष्प्रयोग में लायी जाने वाली आयत है। झूठे या भ्रमित शिक्षक इस आयत को …

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विनम्र प्रार्थना-1

इस श्रृंखला का उद्देश्य मसीही विश्वासियों की प्रार्थनाओं को और भी ज्यादा पवित्र शास्त्र सम्मत और दीन बनाना है।   है मेरे मालिक, मेरे परमेश्वर, जैसे कुछ पाने के लिए दास अपने मालिक के हाथों की ओर उम्मीद भरी नज़रों से देखता है और जैसे दासी अपनी मालकिन के हाथों की ओर उम्मीद भरी नज़रों …

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