मसीहियत में आने के गलत कारण
- चंगाई के लिए
- समृद्धि और आशीषों के लिए
- अच्छा जीवन जीने के लिए
- सम्मान और स्टेटस पाने के लिए जो आपको अपने समाज में नहीं मिला
- विवाह के लिए
- आपके बच्चों के लिए शैक्षिक अवसरों के लिए
- अच्छा महसूस करने के लिए
- अपने विवेक को शांत करने के लिए
- धार्मिकता कमाने के लिए
- क्योंकि आपका परिवार और दोस्त चर्च जाते हैं
- ताकि आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर मिल सके
- क्योंकि आप चंगाई पाए थे या दुष्टात्मा से छुटकारा पा गए थे और आपको लगता है कि अगर आप मसीहियत छोड़ देंगे तो बीमारी या दुष्टात्मा वापस आ जाएगा।
- गायन समूह में शामिल होने या वाद्य यंत्र बजाने के लिए
- लोगों से मिलने जुलने के लिए
- अपने कपड़े, श्रृंगार या कार का प्रदर्शन करने के लिए
- क्योंकि संडे स्कूल से आपके बच्चे को फायदा होगा
- क्योंकि आपको चर्च के कार्यक्रम अच्छे लगते हैं
- क्योंकि यह आपका धर्म है
- परेशानियों से निजात पाने के लिए
- ताकि पारिवारिक समस्याएँ हल हो जाएं
- क्योंकि आप सोचते हैं कि यीशु मनसा पूरी करने वाला और चमत्कार करने वाला ईश्वर है।
- क्योंकि आपको एक आत्मिक अनुभव हुआ था
यदि आप इनमें से किसी भी कारण से मसीहियत में शामिल हुए हैं, तो आप एक मूर्तिपूजक और झूठे मसीही हैं और मसीह से अविश्वासियों की तुलना में दोगुने दूर हैं। यह आपको दो गुना विनाश की ओर ले जाएगा।
अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा हुआ है, इसलिये जो–जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है। (मत्ती 3:10)
मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठंडा है और न गर्म : भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता। इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुँह में से उगलने पर हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:15-16)
मसीह के पास आने के सही कारण
- क्योंकि आप शैतान की गुलामी से छुटकारा पाना चाहते हैं।
प्रभु यहोवा का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि यहोवा ने सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया और मुझे इसलिये भेजा है कि खेदित मन के लोगों को शान्ति दूँ; कि बन्दियों के लिये स्वतंत्रता का और कैदियों के लिये छुटकारे का प्रचार करूँ; (यशायाह 61:1)
- क्योंकि आप खुद को बचाने की कोशिश करके थक चुके हैं।
“हे सब परिश्रम करनेवालो और बोझ से दबे हुए लोगो, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो, और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूँ और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।” (मत्ती 11:28-30)
- क्योंकि आप आत्मिक रूप से प्यासे और असंतुष्ट हैं।
पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, “यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियाँ बह निकलेंगी (यूहन्ना 7:37-38)
- क्योंकि आप अपने पापों की क्षमा चाहते हैं और उनसे छुटकारा चाहते हैं।
वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, जिसका अर्थ है, प्रभु उद्धार करता है। रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा (मत्ती 1:21)
- क्योंकि आप नरक से बचना चाहते हैं।
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (रोमियों 6:23)
- मसीह जो है और जो उसने आपके लिए किया है, के कारण।
आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 3सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ, और जो कुछ उत्पन्न हुआ है उसमें से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न नहीं हुई। (यूहन्ना 1:1-3)
और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। (यूहन्ना 1:14)
अच्छा चरवाहा मैं हूँ; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। (यूहन्ना 10:11)
परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। (यूहन्ना 1:12)
👌👌👍👍