Reformed baptist church in jaipur

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 9 – स्वतंत्र इच्छा

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने मानव इच्छा को स्वाभाविक स्वतंत्रता और विकल्पों पर कार्य करने की शक्ति के साथ संपन्न किया है (विकल्पों में से चुनने की शक्ति दी है), ताकि यह न तो स्वाभाव के द्वारा अच्छा या बुरा करने के लिए मजबूर हो और न ही अन्तर्निहित रूप से बाध्य हो। (i) 1 …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 8 – मध्यस्थ मसीह

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर को अपने अनन्त उद्देश्य में अपने एकलौते पुत्र  प्रभु यीशु को परमेश्वर और मानवता के बीच मध्यस्थ होने के लिए चुनना और नियुक्त करना भाया। परमेश्वर ने उसे (ii) नबी, (iii) याजक, और (iv) राजा,  (v) और अपने लोगों का सिर और उद्धारकर्ता, (vi) सब वस्तुओं का वारिस, (vii) और जगत …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 6 – मानवजाति का पतन, और पाप और उसका दंड

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने मनुष्य को धर्मी और सिद्ध बनाया था। उसने उन्हें एक धर्मी व्यवस्था दी, जिसे तोड़ने का परिणाम मृत्यु होगा। (ii) तौभी वे इस सम्मान के पद पर अधिक समय तक न टिके रहे। शैतान ने साँप की धूर्तता का इस्तेमाल करके हव्वा को बहकाया और हव्वा ने फिर आदम को …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 5 – परमेश्वर का प्रबंधन

पैराग्राफ़ -1 (i, ii)  सभी चीज़ों का अच्छा सृष्टिकर्ता परमेश्वर अपनी अनंत सामर्थ और बुद्धि में अपने सिद्ध बुद्धियुक्त और पवित्र प्रबंधन के द्वारा सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक सभी प्राणियों और चीजों को जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था उसके लिए संभालता है, निर्देशित करता है, व्यवस्थित करता है और नियंत्रित …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 4 – सृष्टि निर्माण

पैराग्राफ़ -1 (i) आरम्भ में परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा (ii) को यह भाया कि वह संसारऔर उसमे की सभी दृश्य और अदृश्य वस्तुओं को छह दिन की अवधि में बनाए और जो उसने बनाया वह सब कुछ बहुत अच्छा था। (iii) उसने ऐसा अपनी अनंत सामर्थ, ज्ञान और अच्छाई की महिमा प्रकट करने …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार ध्याय 3 – परमेश्वर का विधान (भविष्यनिर्धारण)

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने अनंत में अपने अलावा किसी से भी प्रभावित हुए बिना उन सब बातों का निर्धारण कर दिया था जो भविष्य में होंगी। (ii) उसने ऐसा अपनी इच्छा की पूरी तरह बुद्धिमान और पवित्र सम्मति से स्वतंत्र और अपरिवर्तनीय रूप से किया। तौभी परमेश्वर ने ऐसा इस रीति से किया कि …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 2 – परमेश्वर और पवित्र त्रिएकता

पैराग्राफ़ -1 (i) हमारा परमेश्वर यहोवा एक है और एकमात्र जीवित और सच्चा परमेश्वर है। (ii) वह स्वयं से अस्तित्व में है (iii) और अपने तत्त्व (substance/essence) में और सिद्धता (perfection) में अनंत है। उसके तत्त्व (substance/essence) को उसके अलावा और कोई नहीं समझ सकता। (iv) वह शुद्ध रूप से आत्मा है। (v) वह अदृश्य …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 1 – पवित्र शास्त्र

  पैराग्राफ़ -1 (i)  पवित्र शास्त्र सभी उद्धार करने वाले ज्ञान, विश्वास और आज्ञाकारिता का एकमात्र पर्याप्त, निश्चित और अचूक मानक है। (ii) यद्यपि प्रकृति से आने वाला ज्ञान और सृष्टि और विधान के कार्य इतने स्पष्ट रूप से परमेश्वर की अच्छाई, बुद्धि और सामर्थ को प्रदर्शित करते हैं कि मनुष्यों के पास (विश्वास नहीं …

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ऐथनैश्यस का विश्वास वक्तव्य (Athanasian Creed)

ऐथनैश्यस चौथी शताब्दी में मिश्र के सिकन्दरिया में रहने वाला प्रभु का सच्चा सेवक था। उसका जन्म 296 ईसा पश्चात में हुआ था।  वह  ऐरियस नाम के झूठे शिक्षक और उसकी झूठी शिक्षाओं के खिलाफ था। ऐरियस त्रिएकता की शिक्षा को बिगाड़ चुका था। वह यीशु मसीह के परमेश्वरत्व में विश्वास नहीं करता था। वह …

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क्या फिलिप्पियों और इब्रानियों के लेखक यह सिखाते हैं कि आप अपना उद्धार खो सकते हैं ?

हम सम्पूर्ण बाइबल में से जानते हैं कि यदि हमने उद्धार पाया है तो उसे खो नहीं सकते। प्रभु यीशु मसीह ने स्पष्ट रूप से कहा कि सिर्फ उसके चुने हुए लोग ही अनंत जीवन पाते हैं और वे उसे कभी नहीं खो सकते: मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं; मैं उन्हें जानता हूँ, और …

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