Reformed baptist church in jaipur

Author name: Pankaj

बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 11 – धर्मिकरण

पैराग्राफ़ -1 (i) जिन्हें परमेश्वर प्रभावशाली रूप से बुलाता है, वह उन्हें सेंतमेंत/मुफ्त में धर्मी भी ठहराता है। (ii) वह ऐसा उन में धार्मिकता डालने के द्वारा नहीं करता, परन्तु उनके पापों को क्षमा करने और उन्हें धर्मी मानने और धर्मी के रूप में स्वीकार करने के द्वारा करता है। (iii) वह यह केवल मसीह …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकारअध्याय 10 – प्रभावशाली बुलाहट

पैराग्राफ़ -1 (i) अपने नियुक्त और निश्चित समय पर परमेश्वर अपने वचन और आत्मा के द्वारा उन लोगों को प्रभावशाली रूप से बुला लेता है,  (ii) जिनका  उसने जीवन पाने के लिए भविष्य-निर्धारण किया था।  वह उन्हें यीशु मसीह के द्वारा पाप और मृत्यु की उनकी स्वाभाविक अवस्था में से अनुग्रह और उद्धार के लिए …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 9 – स्वतंत्र इच्छा

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने मानव इच्छा को स्वाभाविक स्वतंत्रता और विकल्पों पर कार्य करने की शक्ति के साथ संपन्न किया है (विकल्पों में से चुनने की शक्ति दी है), ताकि यह न तो स्वाभाव के द्वारा अच्छा या बुरा करने के लिए मजबूर हो और न ही अन्तर्निहित रूप से बाध्य हो। (i) 1 …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 8 – मध्यस्थ मसीह

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर को अपने अनन्त उद्देश्य में अपने एकलौते पुत्र  प्रभु यीशु को परमेश्वर और मानवता के बीच मध्यस्थ होने के लिए चुनना और नियुक्त करना भाया। परमेश्वर ने उसे (ii) नबी, (iii) याजक, और (iv) राजा,  (v) और अपने लोगों का सिर और उद्धारकर्ता, (vi) सब वस्तुओं का वारिस, (vii) और जगत …

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बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 6 – मानवजाति का पतन, और पाप और उसका दंड

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने मनुष्य को धर्मी और सिद्ध बनाया था। उसने उन्हें एक धर्मी व्यवस्था दी, जिसे तोड़ने का परिणाम मृत्यु होगा। (ii) तौभी वे इस सम्मान के पद पर अधिक समय तक न टिके रहे। शैतान ने साँप की धूर्तता का इस्तेमाल करके हव्वा को बहकाया और हव्वा ने फिर आदम को …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 5 – परमेश्वर का प्रबंधन

पैराग्राफ़ -1 (i, ii)  सभी चीज़ों का अच्छा सृष्टिकर्ता परमेश्वर अपनी अनंत सामर्थ और बुद्धि में अपने सिद्ध बुद्धियुक्त और पवित्र प्रबंधन के द्वारा सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक सभी प्राणियों और चीजों को जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था उसके लिए संभालता है, निर्देशित करता है, व्यवस्थित करता है और नियंत्रित …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार अध्याय 4 – सृष्टि निर्माण

पैराग्राफ़ -1 (i) आरम्भ में परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा (ii) को यह भाया कि वह संसारऔर उसमे की सभी दृश्य और अदृश्य वस्तुओं को छह दिन की अवधि में बनाए और जो उसने बनाया वह सब कुछ बहुत अच्छा था। (iii) उसने ऐसा अपनी अनंत सामर्थ, ज्ञान और अच्छाई की महिमा प्रकट करने …

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1689 बैपटिस्ट विश्वास अंगीकार ध्याय 3 – परमेश्वर का विधान (भविष्यनिर्धारण)

पैराग्राफ़ -1 (i) परमेश्वर ने अनंत में अपने अलावा किसी से भी प्रभावित हुए बिना उन सब बातों का निर्धारण कर दिया था जो भविष्य में होंगी। (ii) उसने ऐसा अपनी इच्छा की पूरी तरह बुद्धिमान और पवित्र सम्मति से स्वतंत्र और अपरिवर्तनीय रूप से किया। तौभी परमेश्वर ने ऐसा इस रीति से किया कि …

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